24-07-2025
This content is restricted.
This author has not written his bio yet.
But we are proud to say that khabariprashad contributed 4662 entries already.
This content is restricted.
जानिए कारण, जोखिम और ज़रूरी देखभाल के उपाय आजकल शादियों में देरी और करियर को प्राथमिकता देने की वजह से मातृत्व की यात्रा भी देर से शुरू हो रही है। यह बदलाव समाज में महिला सशक्तिकरण और स्वतंत्र सोच की मिसाल तो है, लेकिन इसके साथ कई जैविक और चिकित्सीय चुनौतियां भी जुड़ी हुई हैं। […]
सावन शिवरात्रि के पावन अवसर पर पंचकूला नगर निगम के कर्मचारियों द्वारा सेक्टर-14 स्थित नगर निगम कार्यालय के बाहर भंडारे का आयोजन किया गया। यह भंडारा निगम कर्मचारियों के व्यक्तिगत सहयोग से आयोजित किया गया, जिसमें लगभग 1000 से अधिक श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर नगर निगम आयुक्त, मेयर सहित निगम के […]
सोशल मीडिया पर इन दिनों एक हल्का-फुल्का, मगर बेहद मजेदार वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति का जवाब इंटरनेट यूजर्स को हंसी से लोटपोट कर रहा है। यह वीडियो इंस्टाग्राम अकाउंट @insaniyat_manish से पोस्ट किया गया है, और देखते ही देखते इस पर हजारों लाइक्स और कमेंट्स की […]
झांसी में चार युवतियों ने भगवान शिव से रचाई अनोखी शादी, बनीं भक्ति और त्याग की मिसाल झांसी (उत्तर प्रदेश), जुलाई 2025 — झांसी के मऊरानीपुर क्षेत्र में एक अनोखा विवाह समारोह चर्चा का केंद्र बन गया, जहां चार युवतियों ने सांसारिक बंधनों से ऊपर उठकर भगवान शिव को अपना जीवनसाथी मानते हुए विवाह रचाया। […]
कहाँ लौटती हैं स्त्रियाँ? कामकाजी स्त्रियाँ सिर्फ ऑफिस से नहीं लौटतीं, बल्कि हर रोज़ एक भूमिका से दूसरी में प्रवेश करती हैं—कर्मचारी से माँ, पत्नी, बहू, बेटी तक। यह कहानी अनुपमा की है, जो बाहर की तेज़ दुनिया और घर की नर्म ज़िम्मेदारियों के बीच अपनी पहचान तलाशती है। उसकी मुस्कान में थकान है, पर […]
– प्रियंका सौरभ तेरहवीं की भीड़ अब छँट चुकी थी। जो रिश्तेदार आए थे, वे अब लौट चुके थे। दीवारों पर अब भी माँ की तस्वीर के नीचे टिमटिमाता दीया जल रहा था। अगरबत्ती की धीमी महक अब पूरे घर में उदासी की तरह फैल रही थी। घर के हर कोने में एक सन्नाटा था, […]
– डॉ सत्यवान सौरभ आज का युग तकनीक और सूचना का है। हर हाथ में मोबाइल है, हर जेब में इंटरनेट। लेकिन क्या वास्तव में हम ज़्यादा जागरूक हुए हैं, या बस स्क्रीन पर फिसलती उंगलियों के गुलाम बन गए हैं? विज्ञापन, वीडियो, मीम्स, रील्स और टोटकों की अंतहीन दुनिया में लोग उलझे हुए हैं। […]
‘चल रहे हैं दौर विष के देवता के आवरण में, रात की काली लटा है भोर के पहले चरण में, देश का दुर्भाग्य चिंतन क्या भला चिंतक करेंगे, साथ देते हैं जटायु आज के सीता हरण में।’ देश की वास्तविक स्थिति यही है। पक्ष विपक्ष में उलझी राजनीति में किसी को देश की परवाह ही […]
प्रियंका सौरभ भारत आज संसार का सबसे युवा देश है। हमारी जनसंख्या का लगभग पैंसठ प्रतिशत भाग पैंतीस वर्ष से कम आयु का है। यही युवा भारत की शक्ति है, उसकी आकांक्षा है, उसका वर्तमान और उसका भविष्य है। किन्तु यह भी कटु सत्य है कि इस युवा देश का नेतृत्व अब भी उन हाथों […]
