संविधान की दुहाई और अराजकता का खेल
देश का दुर्भाग्य है, कि सामूहिक रूप से राष्ट्र को समृद्ध बनाने के प्रयास की जगह जनमानस को जाति, धर्म, पंथ, भाषा, क्षेत्र के नाम पर लड़ाकर राजनीतिक दल देश में अराजकता का वातावरण बनाने पर तुले हैं। उन्हें देश में कुछ भी सकारात्मक दिखाई नहीं देता। जन साधारण के लिए रोटी, कपड़ा और मकान […]

