ठंडक में पुलिस चला रही अभियान पर नगर निगम के रैनबसेरो पर ताला
ठंड में सहारा बनी पंचकूला पुलिस: 1,000 से अधिक जरूरतमंदों तक पहुंचाई राहत, समाज से आगे आने की अपील
कड़ाके की ठंड में जहां कई बेबस लोग खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर हैं, वहीं पंचकूला पुलिस ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए एक बड़ा राहत अभियान चलाया है। 1 से 9 दिसंबर के बीच पुलिस की सभी क्राइम यूनिट्स ने कुल 1032 जरूरतमंद लोगों तक कंबल, ऊनी कपड़े, जैकेट और खाने-पीने का सामान पहुंचाकर सर्दी से बचाव का सहारा दिया। पर इसी खबर का दूसरा पहलू यह है की ठंडक से बचाव के लिए लगाए गए रैन बसेरे जिन्हें की नगर निगम ठंडक में चालू करता है इन पर अभी भी ताला लटका हुआ है।
पुलिस की टीमें देर रात शहरभर में गश्त करते हुए बस स्टैंड, मार्केट एरिया, खाली प्लॉट्स, चौक-चौराहों और फुटपाथों पर सो रहे जरूरतमंदों तक पहुंचीं। कई जगह पुलिसकर्मियों ने गाड़ी रोककर बुजुर्गों, मजदूरों, महिलाओं और बच्चों को गर्म कपड़े पहनाए, कंबल ओढ़ाए और भोजन उपलब्ध कराया।
एटीवी स्टाफ ने अतिरिक्त रूप से भंडारा लगाकर भोजन की व्यवस्था की, जिससे ठंड और भूख से संघर्ष कर रहे लोगों को बड़ी राहत मिली।
डीसीपी क्राइम एंड ट्रैफिक मनप्रीत सिंह सूदन ने बताया कि यह अभियान सिर्फ राहत सामग्री बांटने तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज में मानवीय संवेदनशीलता और करुणा का संदेश देने का प्रयास है। उनके अनुसार, “पंचकूला पुलिस की भूमिका अपराध नियंत्रण तक ही सीमित नहीं है। हम उन लोगों की भी जिम्मेदारी समझते हैं, जिनके पास कोई सहारा नहीं। हमारा प्रयास है कि कोई भी व्यक्ति ठंड, भूख या अभाव के कारण परेशान न रहे।”
सूदन ने जिले के निवासियों से अपील की कि जो भी सक्षम हैं वे आगे आएं और पुराने गर्म कपड़े, कंबल, खाद्य सामग्री और अन्य आवश्यक वस्तुएं दान कर जरूरतमंदों की मदद करें। उन्होंने कहा कि समाज और प्रशासन के संयुक्त प्रयास से कोई भी नागरिक ठंड में रात बिताने के लिए मजबूर नहीं रहेगा।
पंचकूला पुलिस का यह अभियान शहर में मानवीय संवेदना और सामाजिक जिम्मेदारी का सशक्त उदाहरण बन गया है।

क्या ठंड खत्म होने के बाद खुलेंगे रैन बसेरे ?
ठंड में जहां पंचकूला पुलिस लोगों को राहत प्रदान कर रही है। वही पंचकूला नगर निगम ने अपने रैन बसेरे पर अभी तक ताला लगा रखा है। यह रैन बसेरे गरीब लोगों के लिए ठंडक में छठ का काम करते हैं की कड़ी ठंड में लोग इन रेन बसीरों में रात गुजर कर ठंडक से बचाव करते है । पर पहली बार है कि 10 दिसंबर तक पंचकूला नगर निगम ने रेन बसीरों का ताला नहीं खोला है। जो यह दिखाता है कि नगर निगम के अधिकारी कितनेदयालु है।
एक हफ्ते पहले भी खबरी प्रशाद अखबार ने इस मुद्दे को अखबार के माध्यम से उठाया था और व्यक्तिगत तौर पर नगर निगम के मेयर कुलभूषण गोयल और पंचकूला के एसडीएम चंद्रकांत कटारिया से इस संबंध में बात भी की थी पर एक हफ्ता बीतने के बाद भी नगर निगम के रैनबसेरे से ताला नहीं खुल पाया है। शायद पुलिस महक में के दरिया दिल्ली देखकर नगर निगम के अधिकारियों का दिल पिघल जाए । और रैन बसेरे का ताला खुल जाए।





Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!